राष्ट्रीयता की भावना से ओत-प्रोत स्वयंसेवकों को हम सभी ने देखा है। किसी भी परिस्थिति समाज की सेवा के लिए, डटे रहने वाले स्वयंसेवियों का संगठन है राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ। विश्व के इस सबसे बड़े स्वयंसेवी संगठन की स्थापना, डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी। आज डॉ. हेडगेवार की पुण्यतिथि है। समाज जीवन का कोई ऐसा क्षेत्र नहीं है, जहां संघ का सेवा प्रकल्प न चल रहा हो। वन्यप्रांत के वनवासी बहुल समाज से लेकर महानगरों तक में संघ, व्यक्ति निर्माण का कार्य कर रहा। आइये, इस विशाल संगठन के प्रेरणापुंज डॉ. हेडगेवार की जीवन यात्रा का परिचय पाते हैं।

महाराष्ट्र में जन्मे केशव

राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार का जन्म 1 अप्रैल ( चैत्र शुक्ल, प्रतिपदा) वर्ष 1889 को नागपुर, महाराष्ट्र में हुआ था। केशव ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा बड़े भाई के निर्देशन में पूरी की। केशव के सबसे बड़े भाई महादेव शास्त्रों के अच्छे ज्ञाता थे। वे मल्ल-युद्ध की कला में भी बहुत निपुण थे। वे रोज अखाड़े में जाकर स्वयं तो व्यायाम करते ही थे, गली-मुहल्ले के बच्चों को एकत्र करके, उन्हें भी कुश्ती के दाँव-पेंच सिखलाते थे। महादेव भारतीयता के अनुगामी थे। केशव के मानस-पटल पर, बडे भाई महादेव के विचारों का गहरा प्रभाव पड़ा। किन्तु वे बडे भाई की अपेक्षा बाल्यकाल से ही अधिक क्रान्तिकारी विचारों के थे। एक बार नागपुर के किले में यूनियन जैक का ध्वज फहरते देख, उसे उखाड़ फेंकने के लिए, केशव और उनके साथियों ने सुरंग तक खोद डाली थी। केशव के बाल्यकाल के इस दृष्टांत से, यह समझा जा सकता है कि, वे राष्ट्र हित में स्वयं को आहूत करने के लिए कितने तत्पर थे।

चिकित्सा विज्ञान का किया अध्ययन

केशव ने मैट्रिक की परीक्षा उत्तीर्ण की। इसके बाद चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई करने के लिए, कोलकाता जाने का निर्णय किया। प्रख्यात स्वतंत्रता सेनानी और मोतियाबिंद पर पहला शोध करने वाले डॉ. बी.एस. मुंजू ने, हेडगेवार को चिकित्सा अध्ययन के लिए, 1910 में कोलकाता भेजा था। वहां रहते हुए केशव अनुशीलन समिति और युगांतर जैसे संगठनों के साथ जुड़े। इस संगठन से जुड़ने के कुछ दिनों बाद, उनका सशस्त्र विद्रोह से मोह भंग हो गया। वर्ष 1915 में नागपुर वापस लौटने के बाद, वे सामाजिक कार्यों में सक्रियता से भाग लेने लगे। उन्होंने असहयोग आंदोलन और सविनय अवज्ञा आंदोलन में भी भाग लिया। धीरे-धीरे हिंदू दर्शनशास्त्रों की ओर उनकी रुचि बढ़ी। इसी दौरान, डॉ. हेडगेवार को सकल हिंदू समुदाय को संगठित करने की आवश्यकता महसुस हुई और यही विचार राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की स्थापना का आधार बना।

ऐसे हुई संघ की स्थापना

डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार ने राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ की स्थापना, वर्ष 1925 में विजयादशमी के दिन की। संघ प्रतिवर्ष विजयादशमी को ही, अपना स्थापना दिवस मनाता है। संघ की प्रार्थना से भी उनके गठन का उद्देश्य भली-भांति ज्ञात हो जाता है। राष्ट्र को परम वैभव तक पहुंचाना ही, संघ का उद्देश्य है। डॉ. हेडगेवार में देश की स्वाधीनता और उत्थान के लिए एक विशेष आग्रह, दृष्टिकोण और दर्शन बाल्यकाल से ही था। यही कारण है कि उन्होंने इस कार्य के निमित्त लोगों को संगठित करने का प्रयास किया। महज पांच सदस्यों के साथ प्रारंभ हुए, इस संगठन में आज पचास लाख से भी, अधिक स्वयं सेवक है। देश से बाहर विदेशों में भी संघकार्य संचालित होता है। समाज का संगठन कर राष्ट्र को गौरवमयी चिरंतन सिंहासन पर आरूढ़ करने का लक्ष्य लेकर स्वयंसेवक कार्य कर रहे हैं।

शाखा है संघ का आधार

संघ व्यक्ति निर्माण के माध्यम से कार्य करता है। इसलिए संघ का सबसे आवश्यक अंग शाखा है। संघ के अधिकतर कार्यों का निष्पादन शाखा के माध्यम से ही होता है। इसमें सार्वजनिक स्थानों पर सुबह या शाम के समय एक घंटे के लिये, स्वयंसेवकों का परस्पर मिलन होता है। वे प्रार्थना, गीत,खेल और परिचर्चा में भाग लेते हैं, इसे ही शाखा कहा जाता है। संपूर्ण देश में लगभग 55,000 से भी अधिक शाखाएं संचालित होती हैं। शाखा में स्वैच्छिक रूप से आने वाले लोग स्वयंसेवक कहलाते हैं। संघ शिक्षा कार्य में चार वर्ग होते हैं। प्राथमिक वर्ग, प्रथम वर्ष, द्वितीय वर्ष और तृतीय वर्ष। प्राथमिक वर्ग एक सप्ताह का होता है। प्रथम और द्वितीय वर्ग 20 दिन के होते हैं, जो प्रान्त और क्षेत्र स्तर पर आयोजित होते हैं। तृतीय वर्ग 25 दिनों का होता है और यह प्रतिवर्ष नागपुर में आयोजित होता है। संघ की संरचना में सबसे बड़ा पद, सरसंघचालक का होता है। सरसंघचालक की नियुक्ति मनोनयन द्वारा होती है। डॉ. केशव बलिराम हेडगेवार, संघ के पहले सरसंघचालक बने।

राष्ट्रोत्थान को समर्पित संघ

संघ के स्वयं सेवक समाज हित के कार्यों में अपना योगदान देते हैं। चैरेवेति-चैरेवेति संघ का मूलमंत्र है। संघ के अनुषांगिक संगठन विद्याभारती के माध्यम से 34 लाख छात्र अध्ययन कर रहे हैं। सेवा भारती के माध्यम से लगभग 35 हजार एकल विद्यालयों में 10 लाख से ज्यादा छात्र अपना जीवन संवार रहे हैं। वनवासी कल्याण आश्रम के द्वारा 8 लाख जनजाति युवाओं और छात्रों को लाभ मिल रहा है। कृषक,श्रमिक, महिलाओं एवं युवाओं के लिए भी संघ के अन्य संगठन कार्य करते हैं।

कोटि-कोटि हम तेरे अनुचर, ध्येय मार्ग पर हुए अग्रसर
होगी पूर्ण सशक्त राष्ट्र की, वह कल्पना तुम्हारी,
पूर्ण करेंगे हम सब केशव, वह साधना तुम्हारी
आत्म हवन से राष्ट्र देव की आराधना तुम्हारी।

आज संघ के लाखों स्वयंसेवक उक्त भाव से डॉ. हेडगेवार को आदर्श मानकर, राष्ट्र देव की आराधना में संग्लन हैं।

Vishal Sharma
Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.

By Vishal Sharma

Vishal is a technology enthusiast with journalistic leanings. He was one of the first bloggers in India, coming online in 1994, even before the internet was available on a widespread basis in India. Vishal is a cybersecurity consultant working as an independent contractor for Google. A journalist with a career spanning over 20 years, he has worked for several national English dailies including The Pioneer, Indian Express, Business Standard, and more. He has also worked for Indo-American Times, and India Monthly magazine, based in the United States of America. Besides being on the editorial board of Vijayupadhyay.com, he also publishes Indian Talent Magazine, an internationally acclaimed talent promotion publication. He has extensive experience in corporate branding, online publishing, and advertising. He started Vikirna Mediatek in 2018 with a vision to bring affordable technology solutions to the common masses of an India which is fast becoming Digital, walking on the path that was heralded by the late Prime Minister of India Rajiv Gandhi and forwarded by the current Prime Minister Narendra Modi.