शुक्रवार सुबह आगरा की जामा मस्जिद में एक संदिग्ध बोरे के भीतर आपत्तिजनक वस्तु मिलने से कुछ समय के लिए तनाव की स्थिति बन गई। यह घटना फजर की नमाज के बाद सामने आई, जब नमाजियों ने मस्जिद के हौज के पास बोरा पड़ा देखा। सूचना पर मंटोला थाना पुलिस सहित कई थानों का फोर्स मौके पर पहुँचा। वरिष्ठ अधिकारियों के साथ डीसीपी सिटी ने भी मौके पर हालात का जायज़ा लिया।
पुलिस कमिश्नर जे. रवींद्र गौड़ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी), सर्विलांस और अन्य इकाइयों की एक 100 सदस्यीय विशेष टीम गठित की। महज़ चार घंटे के भीतर पुलिस ने आरोपी नज़रूद्दीन को गिरफ्तार कर लिया। वह मंटोला क्षेत्र का ही रहने वाला है और उससे पूछताछ जारी है। पुलिस यह जानने की कोशिश कर रही है कि उसने यह हरकत अकेले की या किसी साजिश के तहत।
घटना के बाद मुस्लिम समुदाय ने कड़ी निंदा करते हुए प्रशासन से माँग की कि दोषी को तुरंत पकड़ा जाए और सख्त कार्रवाई की जाए। समुदाय के लोगों ने संयम का परिचय देते हुए सभी से अमन बनाए रखने की अपील की।
सिराज कुरैशी, अध्यक्ष, हिंदुस्तानी बिरादरी ने घटना की निंदा करते हुए कहा:
“यह हरकत किसी एक मजहब के खिलाफ नहीं, बल्कि आगरा की तहज़ीब और साझी संस्कृति पर हमला है। आगरा ‘सुलह–ए–कुल’ की ज़मीन है — वह धरती जहां हर धर्म को बराबरी और इज़्ज़त मिलती है। यह शहर अंतरराष्ट्रीय पर्यटन का प्रतीक है। ऐसी घटनाएं न केवल हमारे समाज को बाँटने की कोशिश हैं, बल्कि देश की छवि को भी धूमिल करती हैं। हम नफ़रत फैलाने वालों को कामयाब नहीं होने देंगे। आगरा का अमन क़ायम रहेगा।”
विशाल शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार व उपाध्यक्ष, हिंदुस्तानी बिरादरी ने कहा:
“यह घटना आगरा के शांतिपूर्ण माहौल को भड़काने की एक सोची–समझी साज़िश है। मगर आगरा के मुसलमान बहुत समझदार हैं — वे इस उकसावे में नहीं आएंगे। इस घटना का जवाब हिंसा नहीं, बल्कि संयम और एकजुटता है। पुलिस की तेज़ कार्रवाई और समाज की परिपक्वता ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि यह शहर नफ़रत को नहीं, बल्कि मोहब्बत को ज़िंदा रखता है।”
फिलहाल जामा मस्जिद क्षेत्र में स्थिति पूरी तरह सामान्य है। पुलिस लगातार क्षेत्र में निगरानी रख रही है और अफवाह फैलाने वालों पर नजर बनाए हुए है। वरिष्ठ अधिकारियों ने जनता से अपील की है कि अफवाहों से बचें और शांति बनाए रखें।
यह घटना चाहे कितनी भी भड़काऊ रही हो, लेकिन आगरा ने फिर साबित किया कि यह तहज़ीब, भाईचारे और अमन का शहर है — जहाँ नफ़रत कभी कामयाब नहीं हो सकती।

