कई महीनों तक संक्रमण रहित रहने के बाद आगरा जिले में आखिरकार कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक दे ही दी। दोनों सांसद समेत जिले के कई जनप्रतिनिधि बीते दो दिनों में कोरोना संक्रमित हो गए हैं और गुरूवार को मिले 132 नए मरीजों के साथ कुल संक्रमितों का आंकड़ा सिर्फ एक हफ्ते में ही 303 पर पहुँच गया है।
आगरा के दोनों सांसद एस पी सिंह बघेल और राजकुमार चाहर कोरोना पॉजिटिव होकर होम आइसोलेशन में हैं। मेयर नवीन जैन भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। बुधवार को मिले 67 मरीजों की तुलना में आज गुरूवार को दोगुने मरीज मिलने के बाद यह आशंका जताई जा रही है कि आने वाले हफ्ते तक कुल मरीजों की संख्या 500 के पार जा सकती है।
आगरा के जिलाधिकारी प्रभु एन सिंह ने बताया है कि पिछले 24 घन्टे में 4394 सैम्पल के सापेक्ष 132 नए मरीज चिन्हित हुए, जिसके बाद कुल सक्रिय मरीजों की संख्या 303 हो गई है। हालांकि सैंपल पाजिटिविटी रेट अभी भी 1.17 है, लेकिन संक्रमण की बढ़ती रफ़्तार पर लगाम लगाने के लिए कोरोना से जुड़ी सावधानियों का पालन करना आवश्यक है।
आगरा के मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ0 अरुण श्रीवास्तव ने बताया कि जिले में संक्रमण की रफ़्तार तेज है। इनमें स्थानीय मरीज ज्यादा हैं। लगभग 1 दर्जन हॉटस्पॉट चिन्हित किये गए हैं। नए मरीजों को आइसोलेट किया जा रहा है। आज ऐसे मरीजों की कांटेक्ट ट्रेसिंग कराई जायेगी।
जिला अस्पताल के एक वरिष्ठ डॉक्टर ने बताया कि आगरा में पहली बार एक साथ वायरस के दो वैरिएंट मिले हैं। दूसरी लहार में कहर बरपाने वाले डेल्टा वैरिएंट की वापसी हुई है। दो संक्रमितों के नमूनों की जीनोम सिक्वेंसिंग में इसकी पुष्टि हुई है। शहर का एक डॉक्टर ओमीक्रॉन से पीड़ित मिला है।
इसी सन्दर्भ में सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ0 प्रशांत गुप्ता ने बताया कि KGMU लखनऊ से 6 नमून की जीनोम सिक्वेंसिंग रिपोर्ट मिली है। इसमें 48 वर्षीय पुरुष में ओमीक्रॉन वैरिएंट मिला है जबकि 56 साल की महिला और 40 वर्षीय पुरुष में डेल्टा वैरिएंट की पुष्टि हुई है।
हिंदुस्तानी बिरादरी के अध्यक्ष डॉ0 सिराज कुरैशी का कहना था कि संस्था से जुड़े कार्यकर्ता भीड़ वाले बाजारों में, बैंकों और अस्पतालों में पहुँच कर वहां होने वाली भीड़ को कोरोना गाइड लाइन का पालन कराने की कोशिश कर रहे हैं। वहां जमा लोग कुछ लोग संस्था की अपील का पालन भी करते हैं, लेकिन बिना प्रशासनिक सख्ती के कोरोना गाइड लाइन का पूरी तरह पालन करवाना संभव नहीं लगता क्योंकि आम जनता में कोरोना को लेकर काफी बेपरवाही देखने को मिल रही है।
कुरैशी ने बताया कि आगरा में कोरोना का पहला मरीज 2 मार्च 2020 को मिला था जब एक ही परिवार के 5 लोग संक्रमित हुए थे। इसके बाद अप्रैल 2021 में संक्रमण की दूसरी लहार आई थी जिसमें मृतकों का आधिकारिक आंकड़ा 458 तक पहुँच गया था। अब 9 माह बाद जनवरी 2020 में तीसरी लहर ने पुनः दस्तक दे दी है। परतु इन 22 महीनों में काफी इंतजाम बदल गए हैं। तीसरी लहर में कन्टेनमेंट जोन, सेनिटिज़ेशन, कांटेक्ट ट्रेसिंग, सर्विलांस, कोविड नियमों के उल्लंघन पर कार्यवाही और दफ्तरों – बैंकों में कोविड हेल्प डेस्क भी गायब दिख रही है। शायद यही वजह है कि हर 22 मिनट में एक व्यक्ति संक्रमण की चपेट में आ रहा है।
वरिष्ठ फिजिशियन डॉ0 एस के कालरा का कहना था कि जिस तेजी के साथ तीसरी लहर में संक्रमण फ़ैल रहा है, उससे यह लगता है कि इसकी पीक अगले दस दिनों में आ जाएगी।उन्होंने कहा कि जिन लोगों में ओमीक्रॉन की पुष्टि नहीं हुई है, वह भी स्वयं को ओमीक्रॉन संक्रमित मानकर एहतियात बरतें।