उटंगन नदी की बदइंतजामी को सुधारने और मानसून काल में जलभराव से प्रभावित क्षेत्रों की सुरक्षा के लिए जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. श्रीमती मंजू भदौरिया ने नदी प्रबंधन को व्यवस्थित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की है। उन्होंने बताया कि मानसून कालीन ऊफान और जल विस्तार क्षेत्र (फ्लड ज़ोन) का निर्धारण कर उसका चिन्हांकन कराने के लिए शीघ्रता से कार्य शुरू कराया जाएगा। इसके लिए नदी तटवर्ती क्षेत्रों में खूंटियाँ गाड़ी जाएंगी, ताकि डूब क्षेत्र स्पष्ट रूप से पहचाना जा सके।
इस संबंध में सिंचाई विभाग तृतीय वृत्त के अधीन आगरा कैनाल के लोअर खंड के अधिशासी अभियंता को निर्देशित किया गया है कि कार्यवाही तुरंत प्रारंभ करें। डॉ. भदौरिया के अनुसार, फिलहाल उटंगन नदी का जलस्तर सामान्य हो चुका है, और डूब क्षेत्र का नवीनतम डाटा सिंचाई विभाग के पास उपलब्ध है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो खेरागढ़, किरावली और फतेहाबाद जैसी तहसीलों के नदी तटीय गांवों के लेखपालों से भी सहयोग लिया जाएगा। इसके लिए जिला अधिकारी को पत्र लिखने की भी तैयारी है।
अंतर्राज्यीय नदी से जुड़ी चुनौतियाँ
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों से बातचीत के दौरान डॉ. भदौरिया ने कहा कि उटंगन एक अंतर्राज्यीय नदी है और आगरा जनपद में इसका लगभग 88 किलोमीटर लंबा टेल हिस्सा आता है। उन्होंने बताया कि राजस्थान द्वारा पानी रोकने के बावजूद यहां के स्थानीय जलग्रहण क्षेत्र से मानसून काल के दौरान नदी में प्रचुर मात्रा में जल उपलब्ध हो जाता है।
उन्होंने यह भी रेखांकित किया कि वर्तमान में आगरा जनपद को बड़े क्षेत्र के साथ ऐसे जलवायु क्षेत्र (क्लाइमेट ज़ोन) के रूप में माना जा रहा है, जहाँ दीर्घकालिक पर्यावरणीय बदलाव और जलवायु परिवर्तन की वजह से अप्रत्याशित वर्षा की संभावना बनी रहती है। ऐसे में, उटंगन नदी का जल प्रबंधन मजबूत और प्रभावी होना अत्यंत आवश्यक है, ताकि किसानों की फसल क्षति को न्यूनतम किया जा सके और क्षति आकलन का कार्य त्वरित गति से हो।
जिला पर्यावरण समिति की बैठक में निर्देश
जिला पंचायत अध्यक्ष ने बताया कि बीते 4 सितंबर को आयोजित जिला पर्यावरण समिति की बैठक में जिला अधिकारी ने भी निर्देश दिए थे कि मानसून कालीन डूब क्षेत्र का यथाशीघ्र चिन्हांकन कर मुड्डियाँ (खूंटियाँ) लगाई जाएं। उन्होंने कहा कि यह पहल उटंगन नदी के जीर्णोद्धार और इसके सुनियोजित प्रबंधन की दिशा में बड़ी उपलब्धि साबित हो सकती है।
रेहावली बाँध का मुद्दा उठाने की तैयारी
डॉ. भदौरिया ने बताया कि उनका निकट भविष्य में लखनऊ जाना प्रस्तावित है और यदि अवसर मिला तो वह मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से मुलाकात कर रेहावली बाँध का मुद्दा मजबूती से रखेंगी। उन्होंने याद दिलाया कि इसी वर्ष पूर्व विधायक डॉ. राजेंद्र सिंह के साथ लखनऊ में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान भी रेहावली गाँव में बांध निर्माण का प्रस्ताव रखा गया था, ताकि मानसून काल में उटंगन नदी की जलभराव क्षमता का सही उपयोग किया जा सके।
सिविल सोसाइटी प्रतिनिधियों से मुलाकात
सिविल सोसाइटी ऑफ आगरा के प्रतिनिधियों से हुई बैठक में सचिव अनिल शर्मा, फोटो जर्नलिस्ट असलम सलीमी और समाजसेवी राजीव सक्सेना मौजूद रहे। इस दौरान नदी प्रबंधन, किसानों की सुरक्षा और पर्यावरण संरक्षण पर विस्तृत चर्चा की गई।