 आगरा शहर की जर्जर सड़कों और प्रशासनिक उदासीनता ने एक और बेशकीमती जान छीन ली। मंगलवार रात शाहगंज इलाके की शंकरगढ़ पुलिया पर बने गड्ढे में स्कूटी गिरने से 45 वर्षीय राजेश कुमार की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही को उजागर करती है, जो लंबे समय से खस्ताहाल पुलिया की मरम्मत कराने में असफल रहे हैं।
आगरा शहर की जर्जर सड़कों और प्रशासनिक उदासीनता ने एक और बेशकीमती जान छीन ली। मंगलवार रात शाहगंज इलाके की शंकरगढ़ पुलिया पर बने गड्ढे में स्कूटी गिरने से 45 वर्षीय राजेश कुमार की दर्दनाक मौत हो गई। यह घटना स्थानीय प्रशासन और नगर निगम की लापरवाही को उजागर करती है, जो लंबे समय से खस्ताहाल पुलिया की मरम्मत कराने में असफल रहे हैं।
घटना का विवरण
मंगलवार रात करीब 9 बजे प्रकाशनगर निवासी राजेश कुमार अपनी स्कूटी से घर लौट रहे थे। अंधेरे में वह शंकरगढ़ की पुलिया पर बीच सड़क बने गड्ढे को देख नहीं सके। स्कूटी का अगला पहिया गड्ढे में फंसने से वह उछलकर सड़क पर जा गिरे। सिर पर गंभीर चोट आने के कारण राजेश को तुरंत स्थानीय लोगों की मदद से एसएन मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। इलाज के दौरान बुधवार सुबह उनकी मौत हो गई।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
शंकरगढ़ पुलिया की मरम्मत लंबे समय से नहीं की गई है, जिससे स्थानीय लोग पहले ही परेशान थे। घटना के बाद क्षेत्र में रोष व्याप्त है। पूर्व पार्षद राहुल चौधरी ने बताया कि पुलिया की खस्ताहालत की शिकायत कई बार नगर निगम को दी गई थी। शिकायतों को अनदेखा करते हुए प्रशासन ने इसे ठंडे बस्ते में डाल दिया। उन्होंने कहा, “यह पहली घटना नहीं है। रात के समय यहां कई वाहन चालक चोटिल हो चुके हैं। अब एक व्यक्ति की मौत के बाद भी अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे हैं।”
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़
राजेश कुमार के परिवार पर इस हादसे ने गहरा आघात पहुंचाया है। उनकी मौत के बाद परिवार आर्थिक संकट से जूझ रहा है। स्थानीय निवासियों ने मांग की है कि परिवार को उचित मुआवजा दिया जाए और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए।
खस्ताहाल सड़कों से बढ़ती दुर्घटनाएं
आगरा शहर की खराब सड़कों पर आए दिन हादसे हो रहे हैं। गड्ढे, खराब यातायात प्रबंधन और बेलगाम वाहन चालकों के कारण सड़कें दुर्घटनाओं का केंद्र बन गई हैं। स्थानीय निवासियों और सामाजिक संगठनों ने प्रशासन से सड़कों की मरम्मत और उचित यातायात प्रबंधन की मांग की है।
प्रशासन की चुप्पी पर सवाल
राजेश की मौत ने एक बार फिर प्रशासन की निष्क्रियता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। स्थानीय लोगों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही सड़कों की मरम्मत नहीं की गई तो वे नगर निगम और आगरा प्रशासन के खिलाफ बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेंगे।
आगरा की खस्ताहाल सड़कों ने न केवल शहर की छवि खराब की है, बल्कि लोगों की जान के लिए भी खतरा पैदा कर दिया है। प्रशासन की इस उदासीनता का खामियाजा आखिर कब तक आम जनता को भुगतना पड़ेगा?

 
                     
  
                    
